नई दिल्ली । देश में अब तक दो लोगों को ही गांधी की उपाधि दी जा सकी है, इनमें से पहले भारत के राष्ट्रपति मोहन दास करमचंद गांधी का नाम आता है दूसरे दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े नेता नेल्सन मंडेला को वहां के लोग गांधी के नाम से पुकारते थे। मंडेला गांधी जी के विचारों से खासे प्रभावित भी थे। उन्हीं के विचारों से प्रभावित होकर ही उन्होंने रंगभेद के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत की थी।
उन्हें अपनी मुहिम में ऐसी सफलता मिली कि उन्हें भी अफ्रीका का गांधी पुकारा जाने लगा। यह भी रोचक बात है कि मोहनदास करम चंद गांधी को महात्मा गांधी बनाने वाली भी दक्षिण अफ्रीका की ही धरती थी। जहां रंगभेद के कारण उन्हें ट्रेन की फर्स्ट क्लास बोगी से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद गांधीजी ने देश लौटकर अंग्रेजों के खिलाफ जबरदस्त मुहिम चलाई और उन्हें देश से खदेड़कर ही दम लिया।