प्रयागराज। पिछले दिनों तक धीमी गति से हो रही माघ मेले की तैयारियां अब युद्धस्तर पर होने लगी है। सभी विभागों ने अपने कार्यो को पूर्ण कराने के लिए पर्याप्त संख्या में श्रमिक,टैक्टर, उपकरण आदि पर्याप्त संख्या में लगा दिये है। अपने-अपने सेक्टरों में वे सभी युद्वस्तर पर कार्यो को पूर्ण करने में जुट गये है। सबसे अधिक समस्या भूमि की तैयारी को लेकर थी क्योंकि इस बार गंगा में बालू के स्थान पर लगभग डेढ़ फिट की उॅचाई तक मिटटी पट गयी है जिससे भूमि के समतलीकरण के कार्य में बाधा आ रही है। फिर भी मेला प्रशासन के अधिकारी टैक्टर व श्रमिकों के द्वारा भूमि को ठीक कराने में लगे हुए है। इन दिनों मेला क्षेत्र में रात दिन कार्य हो रहा है। कराये जा रहे कार्यो को विभागीय अधिकारियों के अलावा मेला प्रशासन के अधिकारी मौके पर जाकर उनका निरीक्षण भी कर रहे है। निरीक्षण में कहीं कोई कमी पाये जाने पर उन्हें अपने सामने पूरा भी करा रहे है। इस प्रकार मेले की तैयारियों में लगे लगभग सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी पूरे जी जान से लग गये है। यह तेजी जिलाधिकारी के निर्देश पर आयी है। गत दिनों जिलाधिकारी भानुचन्द्र गोस्वामी ने मेला क्षेत्र में भ्रमण कर मेले में की जा रही तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया था। उस दौरान उनके साथ मौके पर उपस्थित सभी कार्यदायी विभागों के अधिकारियों को डेट लाइन देते हुए निर्धारित समय पर कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया था। मेला क्षेत्र में की जा रही तैयारियों में सबसे अधिक दिक्कत पान्टनू पुलों के निर्मण मे आ रही है। विभगीय अधिकारी जिलाधिकारी के निर्देश पर भी कार्य में तेजी नहीं ला पा रहे है। काली व त्रिचेणी मार्ग के पान्टून पुलों के निर्माण में अभी काफी विलम्ब है जबकि विभागीय अधिकारी यह कहते नहीं थक रहे हैं कि पुलो का निर्माण शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जायेगा। मौके पर अभी तक दोनों पुलों मे लगभग दो तिहाई से भी कम काम पूरा हो पाया है। पुल निर्माण में जिस शेष भाग पर कार्य पूर्ण किया जाना है। वह बहुत ही दुष्कर है क्योंकि कि बालू व सूखा होने के कारण पीपे का एलाइमेंट करने में ही भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। बिजली विभाग ने भी अपनी तैयारी काफी तेज कर दी है। जिस दिन से जिलाधिकारी ने निर्देश जारी कर तैयारी के लिए समय सीमा निर्धारित किया उसी के बाद इस विभाग ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी थी। जिसका परिणाम यह हुआ दो तीन के भीतर भारी संख्या में पोल गाड दिये गये। अब तार खींचने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। शीघ्र ही लाइटें भी जलने लगेंगी। कुछ क्षेत्रों में लाइटें जलने भी लगी है। जिस प्रकार से तैयारियां की जा रही है उन्हें देखते हुए यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि लोनिवि को छोड़कर अन्य सभी कार्यदायी विभागों की तैयारियां पूर्ण कर ली जायेंगी।
भूमि आवंटन 12 से,युद्धस्तर पर होने लगी मेले की तैयारियां ,सभी सेक्टरों में पर्याप्त संख्या में टैक्टर व श्रमिक लगाये गये