Hyderabad Rape Murder : दरिंदगी से लेकर एनकाउंटर तक, जानें पूरी कहानी


हैदराबाद के शादनगर में 28 नवंबर को जली हालत में एक डॉक्टर का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया। एक महिला डॉक्टर के साथ चार लोगों ने वहशियाना सलूक किया और उसे जिंदा जला दिया। इस रोंगटे खड़े कर देनेवाली घटना ने ऐसा तूल पकड़ा कि पूरे देश में हड़कंप मच गया।
इस जघन्य अपराध के बाद लगातार आरोपियों को कड़ी सजा देने की देशभर से आवाज उठ रही थी और लोग सड़कों पर उतर पर अपना आक्रोश जा रहे थे। इस बीच, अचानक जब यह खबर 6 दिसंबर की सुबह आई कि डॉक्टर से गैंगरेप के चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंट में मार गिराया उसके बाद देश जाकर देश ने कहीं सुकून की सांस ली है।


कैसे लापता हुई महिला डॉक्टर


28 नवंबर को एक सरकारी अस्पताल में बतौर वेटनरी डॉक्टर काम करने वाली पच्चीस वर्षीय महिला का जला हुआ शव हैदराबाद में शादनगर में एक पुल के नीचे मिला। इससे एक दिन पहले यानि 27 नवंबर की रात को वे लापता हो गई थीं। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले मे चार लोगों को महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इन सभी की उम्र 20 से 24 साल थी। इसके बाद सभी आरोपियों को चौदह दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया।


Hyderabad gang rape Murder Case: जानें इस केस में कब-कब क्या हुआ


चारों आरोपी मोहम्मद आरिफ, शिवा, नवीन और सी चेन्नकेशवुलु ने इस वारदात को अंजाम देने से पहले टोंडूपल्ली टोल प्लाजा पर शराब पी थी। खास बात ये थी कि महिला डॉक्टर को फंसाने के लिए जो साजिश रची गई थी। साइबरबाद पुलिस ने शादनगर अंडरपास के नीचे पीड़िता का जला हुआ शव मिलने के बाद पुलिस को सबसे पहला सुराग एक टायर मकैनिक से मिला। साइबराबाद के पुलिस कमिश्नसर वीसी सज्जटनार ने पूरी घटना के बारे में बताते हुए कहा कि इसे एस सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया। इस घटना के बाद से महिला डॉक्टर की मां ने सभी दोषियों को सबके सामने जिंदा जलाने की मांग की थी। परिवारवालों ने यह भी कहा कि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की होती तो पीड़‍ता को बचाया जा सकता था।


 


हैदराबाद: जिस जगह जिंदा जलाई गई थी डॉक्टर, उसी जगह मारे गए चारों आरोपी


इस केस में हैदराबाद में वकीलों ने चारों आरोपियों का केस न लड़ने का फैसला किया। शादनगर बार असोसिएशन ने शनिवार को ऐलान किया कि डॉक्टर से रेप करने वाले चारों आरोपियों को किसी भी तरह की कानूनी मदद नहीं दी जाएगी। उसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने तेजी से मुकदमा चलाने के लिए फास्ट ट्रैक अदालत के गठन की घोषणा की। इस बीच छह दिसंबर की सुबह उसके एनकाउंटर की घटना सामने आई है।