प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग/नोडल अधिकारी प्रयागराज में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय व निर्माणाधीन परियोजना का किया निरीक्षण टुटी कुर्सिया, फर्नीचर व लटकते बिजली के तारों पर जतायी नाराजगी


 प्रयागराज। प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग/नोडल अधिकारी प्रयागराज डॉ0 रजनीश दुबे ने सीएमओ कार्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने स्ट्रांग रूम, मेडिकल स्टोर, स्टोर रूम, एनयूएचएम सेल, डिस्ट्रिक एनसीडी सेल, जिला वैक्सीन भण्डार रूम के साथ मुख्य चिकित्साधिकारी आफिस, अपर मुख्यचिकित्साधिकारी ऑफिस का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं की जानकारी ली।


प्रमुख सचिव ने निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम सीएमओ कार्यालय में बिल्डिंगों एवं कार्यालय कहां-कहां पर बनाये गये है कि जानकारी लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी से कहां कि अपने रूम के बाहर मुख्य चिकित्साधिकारी का बोर्ड लगवायें, जिससे कि बाहर से आने वाले व्यक्ति को आपका कार्यालय ढूढ़ने में परेशानी न हो। पास में ही मेडिकल बनाये जाने वाले स्थान का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि बोर्ड के स्थान पर कागज पर लिखकर चस्पा किया गया था यहां पर मेडिकल बनता है, जिसपर प्रमुख सचिव कड़ी नाराजगी जताते हुए तुरंत बोर्ड लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी से मेडिकल बोर्ड के पैनल के बारे में जानकारी ली तथा उनकी संख्या के बारे में पूछा साथ ही पैनल के बैठने की व्यवस्था मानक के अनुरूप न होने पर नाराजगी जताते हुए कुर्सी आदि आवश्यक चीजों की व्यवस्था करने व साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देते हुए मेडिकल पैनल के सदस्यों के बैठने के लिए परमानेंट चेम्बर बनाने के निर्देश दिये। वहां से निकलकर प्रमुख सचिव ने कार्यालयों के निरीक्षण के दौरान पाया कि बाहर विकलांगों के लिए जो कुर्सिया रखी थी, वे टूटी हुई थी, जिसपर नाराजगी जताते हुए तुरंत 10 कुर्सिंया कार्यालय के बजट से मंगाने के निर्देश दिये।


स्टोर रूम में मौजूद अलमारियों की खराब स्थिति पर कहां कि इन्हें कंडम घोषित करवाकर इनकी जगह पर नई अलमारियां खरीदे। स्टोर रूम में जमीन में रखे सामानों को देखकर उन्होंने इन सामानों को रैक बनवाकर रैक में रखने के निर्देश दिये और कहां कि स्टोर रूम की स्थिति बहुत ही दयनीय है। वहां पर गंदगी देखकर वहां पर साफ-सफाई रखने के निर्देश दिये। डिस्ट्रिक एनसीडी सेल एवं एडिश्नल सीएमओ के आफिस के निरीक्षण के दौरान उनके कार्यालयों में सिलन होने पर कहां कि आप लोग यहां पर कैसे काम कर पाते है। उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से कहां कि स्वच्छता के संदेश को अपने यहां से ही प्रारम्भ करें। कक्ष में खराब पड़े कम्प्यूटरों को ठीक कराने के निर्देश देते हुए कहां कि पूरे सीएमओ कैम्प कार्यालय को रंगाई-पोताई कराते हुए दरवाजे-खिड़कियों को पेंट कराये, जिससे कार्य करने का एक बेहतर माहौल मिल सके। इसके उपरांत जिला वैक्सीन भण्डार का निरीक्षण करते हुए वहां रखे स्टॉक रजिस्टर की जांच करते हुए वहां फ्रीजों में भण्डारित किए गए वैक्सीनों के तापमान के सम्बंध में जानकारी ली। वैक्सीन भण्डारित रूम में फ्रीजर तापमान मापने की जो मशीने लगी है, उसमें से एक मशीन काम नहीं कर रही थी, उसे तुरंत सुधारने के निर्देश दिये। इस रूम में लटकते हुए तारों को ठीक कराने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ने सभी कार्यालयों का निरीक्षण करने के पश्चात मुख्य चिकित्साधिकारी के कक्ष में पहंुचे। वहां पर अधिकारियों से जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के बारे में जानकारी लेते हुए सभी में ब्रांडबैंड की व्यवस्था सुनिश्चत कराने को कहा। जहां पर डॉक्टर बैठते है, वहां पर बैठने की व्यवस्था उत्तम की जाये। साथ ही सीएमओ कार्यालय में भी फर्नीचर, कुर्सी-मेज आदि ठीक दशा में न मिलने पर उन्हें बदलने के निर्देश दिए एवं प्रमुख सचिव को जानकारी दी गयी कि कुछ डॉक्टर अपने-अपने केन्द्रों पर अनुपस्थित चल रहे है, जिसपर प्रमुख सचिव ने कहां कि उनके खिलाफ जल्द ही सेवा समाप्ति की कार्यवाही करने के लिए शासन को पत्र लिखा जायेगा।


सीएमओ कार्यालय के निरीक्षण के उपरांत प्रमुख सचिव जिला सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास कार्यालय का यूपी सिडको द्वारा कराये जा रहे निर्माणाधीन परियोजना का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम जानकारी ली निर्माण के लिए कितना बजट स्वीकृत किया गया है और अब तक उसमें से कितना व्यय किया जा चुका है। वहां उपस्थित अधिकारियों से पूछा कि इस परियोजना का निर्माण कब तक पूरा हो जायेगा, जिस पर सम्बन्धित अधिकारियों ने जानकारी दी कि इस निर्माण को अगस्त 2020 तक पूरा कर लिया जायेगा। कार्य की धीमी रफ्तार पर अधिकारियों को चेताते हुए कार्य को समय से पूरा करने के निर्देश दिये। वहीं पर अनाधिकृत रूप से कब्जे की शिकायत पर अधिकारियों से जानकारी ली, जिसपर अधिकारियों ने बताया कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिलाधिकारी के साथ बैठक कर इस मामले में प्रभावी तरीके से पैरवी कराकर जल्द से जल्द अवैध कब्जे का ध्वस्तीकरण कराये, जिसके कारण निर्माण में व्यवधान न उत्पन्न होने पाये। निर्माणाधीन कार्य में खामिया पाये जाने टेक्निकल कमेटी से जांच कराने के आदेश दिये। निर्माणाधीन बिल्डिंग में बनाये गये बीम की ट्यूब टेस्ट कराने के भी निर्देश दिये साथ ही निर्माण कार्य में कितने बाई कितने का मसाला प्रयोग किया गया है, इसकी भी जांच कराने को कहा। इस दौरान डीएम भानुचन्द्र गोस्वामी, सीडीओ प्रैम रंजन सिंह तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी  जी एस वाजपेई भी मौजूद रहे।