केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में शिक्षक अभिरुचि को लेकर पूछे गए प्रश्नों ने परीक्षार्थियों को खासा परेशान किया। यह प्रश्न इस तरह से पूछे गए थे कि कई प्रश्नों के उत्तर में दिए गए चार में से एक से अधिक विकल्प सही प्रतीत हो रहे थे। ऐसे में परीक्षार्थियों को सही विकल्प का चुनाव करने में बहुत मुश्किल हुई।
शिक्षक बनने के बाद शिक्षकों के सामने पठन-पाठन को लेकर आने वाले चुनौतियों पर आधारित इन प्रश्नों के जरिए यह जानने का प्रयास किया गया कि परीक्षार्थी शिक्षक बनने के लिए कितने तैयार हैं। परीक्षार्थियों की समझ के साथ उनकी संवेदनशीलता को भी प्रश्नों के जरिए परखने का प्रयास किया गया। मसलन एक प्रश्न में पूछा गया था कि बच्चों की अधिगम गतिविधियों में भागीदारी करने के लिए लगातार पुरस्कार देना व दंड का प्रयोग करने से क्या प्रभाव पड़ता है? इसी तरह का एक प्रश्न था कि विद्यार्थियों को स्पष्ट उदाहरण एवं गैर उदाहरण देने का क्या परिणाम है? एक बटे चार से एक बटे तीन छोटा है, इसे बच्चों को समझाने के लिए कौन की योजना सबसे अधिक उपयुक्त होगी? प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को गणित पढ़ाने के लिए बनाई जाने वाली पाठ योजना का कौन का अति महत्वपूर्ण पहलू है?